मुस्लिम सुअर का मांस क्यों नही खातें है जानिए असली कारण

आज के आर्टीकल में हम जानने वाले है कि मुस्लिम सुअर का मांस क्यों नही खाते है ये जानने से पहले हम आपको बता दे कि यह पोस्ट केवल हम इंटरनेट तथा किताब में दी गयी जानकारी दे रहें हैं इसमे किसी भी धर्म का अपमान नही है।

जैसा कि हम जानते है कि मुसलमान का खाना-पीना तथा उठना-बैठना दिने इस्लाम के मुताबिक होती है इनमे ज्यादा तर मुसलमान दिनेइस्लाम में बताए गए तौर तरीकों से जीना पसंद करते है आपकी जानकरी के लिए बता दे कि इस्लाम धर्म मे मांस खाना जायज बताया गया है।

लेकिन इसमें भी कुछ सर्ते है कि क्या चीज खाना चाहिए और क्या चीज नही खाना चलिये जिस तरह इस्लाम मे शराब पीना सही नही माना जाता है ठीक उसी प्रकार इस्लाम मे भी सुअर का मांस खाना माना है।

इसके पीछे का वजह क्या है आखिर मुस्लिम सुअर का मांस क्यों नही खाते है ये जानने के लिए आर्टीकल को अंत तक पढ़े क्योंकि इसमें हम पूरी जानकरी जानने वाले है।

मुस्लिम सुअर का मांस क्यों नही खातें में कुरान के किसाब से

मुस्लिमो का सबसे पवित्र किताब कुरान पाक के सूरा दो आयत 173 सूरा पांच आयत 3 के साथ साथ कई नियमो के चलते आदेश दिए गए है कि मुसलमानों को ऐसे किसी भी जानवर का मांस नही खाना चाहिए जो हलाल न हो ऐसे में कौन सा जानवर है जो इस्लाम में हराम बताया गया है।

तथा कुरान शरीफ में इस बात के बारे में बताया गया है कि मरे हुए जानवरो का मांस खाना हराम है यानी ऐसे जानवर जिसका मौत दुर्घटना ओर बीमारी आदि चीजों के मरने से हो ऐसी चीजो को इस्लाम धर्म मे इन सभी चीजो का मांस खाना माना किया गया है। 

सूरा आयात तीन में लिखा गया है कि उसने केवल तुम्हे माना किया है मृत पशु, खून तथा सुअर का मांस जिसमे अल्लाह के अलावा किसी ओर चीज का नाम हों अगर किसी को मजबूरी है तो खा सकता है क्योंकि हम जानतें हैं कि अल्लाह माफ करने वाला है इसमें ज्यादातर सुअर का मांस खाने की हिदायत दी गयी है।

आपको बता दे कि बाइबल में भी सुअर का मांस खाना माना ही है ओर बुक ऑफ लेविट्स में चैपर नंबर 11 ओर वर्स नम्बर 7 में उसको न खाने का उल्लेख है अब दोनों ही किताब इसे न खाने को कहती है आखिर सुअर का मांस खाने में दिक्कत क्या है।

मुस्लिम सुअर का मांस क्यों नही खातें प्राकृतिक कारण

हम आपको बता दे कि इस चीज का जवाब सुअर के कैरेक्टर में छुपा हुआ है क्योंकि सुअर एक मौका परस्त जानवर है और कुछ भी मिलने पर खा लेता है चाहें वो पौधे, मारें हुए जानवर का सड़ता हुआ मांस ही या मल हो सुअर को किसी भी चीज से कोई फर्क नही पड़ता वो हर एक चीज का सेवन कर लेता है।

भले ही विकसित देशों में सुअर पालें जाते हो लेकिन उनमें एक दूसरे का मन खाने का असंका बानी रहती है ये चीज उनके फितरत में होती है गांवो या देहात में लोगो के लिए आधुनिक शौचालय नही है जिनके कारण खुले में शौच करते है और सुअर को कुछ न मिलने पर उसका सेवन भी कर लेते है।

कुछ लोगो का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में सुअर का पालन-पोषण बहुत ही साफ सुथरे ढंग से होता है लेकिन हम आपको बता दे कि इसे आप कितना भी साफ से रहें लेकिन उसे गंदगी ही पसंद आती है गंदे जगह पर रहना सुअर का मजबूरी नही है बल्कि उसका प्राकृतिक फितरत है।

सुअर के मांस खाने से क्या होता है

सुअर के मांस से 70 प्रकार के अलग-अलग तरह की बीमारियां होती है तथा इसके मांस खाने से शरीर मे कीड़े भी हो सकते है।

अब आप समझ गए होंगे कि सुअर खाने से कितनी बड़ी बीमारी हो सकती है चाहें आप सुअर का मांस कच्चा खाएं या पका कर खाये जो खतरनाक कीड़े होते है वो पकाने पर नस्ट नही होते है साथ ही साथ सुअर खाने वाले लोगो को कोलस्टॉल भी हो सकती है।

अब तो आप समझ गए होंगे कि मुस्लिम सुअर का मांस क्यों नही खातें है इसके बारें में काफी अच्छी तरह से बताया गया है।

उम्मीद करता हूँ की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।

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