Sunday Ko Chhutti Kyo Hoti Hai | जानिए Sunday को छुट्टी क्यों होती है

आज के आटिकल में हम बात करने वाले है की Sunday को छुट्टी क्यों होती है इसके पीछे क्या वहज है आखिर रविवार को छुट्टी क्यों होती है आज के पोस्ट में हम इसी के ऊपर बात करने वाले है दोस्तों सभी लोग जानते है की एक हप्ते में सात दिन होते है लेकिन आपके कभी ये सोचा है की रविवार को ही छुट्टी क्यों मनाई जाती है।

क्या आप सन्डे की छुट्टी के बिना सुकून महसूस कर सकते है शायद नहीं पुरे हप्ते काम करने के बाद हम सभी को रविवार का इंतजार रहता है क्योकि रविवार को सभी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज बंद रहते है पर क्या आपने कभी सोचा है की रविवार को ही क्यों भारत में सार्वजनिक अवकाश के रुप में मनाया जाता है।

क्या आप यह जानते है की Sunday को छुट्टी कब से शुरू हुई ओर किसने इस छुट्टू को सबसे पहले शुरू करने का प्रस्ताव रखा आइये जानते है इसके बारे कुछ अनसुनी बाते तो चलिए शुरू करते है।

Sunday को छुट्टी क्यों होती है

Sunday ko chhutti kyo hoti hai

दुनिया में रविवार की छुट्टी की शुरुआत 1843 में हुई थी ब्रिटेन में सबसे पहले स्कूली बच्चो को रविवार की छुट्टी देने का प्रस्ताव दिया गया था इसके पीछे कारण दिया गया था की बच्चे घर पर रहकर कुछ अपने पसंद का काम कर सकेंगे उसके बाद सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे लोगो को मानसिक और शारीरिक रूप से आराम देने के लिए उनको भी हप्ते में 1 दिन का अवकाश दिया गया।

लेकिन ये छुट्टी सभी के लिए नहीं थी ये उन्ही लोगो के लिए थी जो सरकारी कार्यालयों में काम कर रहे अधिकारी है ये उन्ही के लिए छुट्टी थी छोटे वर्ग के कर्मचारियों और मजदूरो के लिए तो सप्ताह के सातो दिन काम करने का रिवाज था।

भारत में रविवार को छुट्टी कब से पारित हुई

अब चलिए जानते है की भारत में रविवार की छुट्टी कब से हुई थी जब भारत में अंगेजो का राज था तब मिल के मजदूरो को सातो दिन काम करना पड़ता था उन्हें कोई भी छुट्टी नहीं मिलती थी।

ब्रिटिश अधिकारी हर रविवार को चर्च जाकर प्रार्थना करते थे परन्तु मिल के मजदूरो के ऐसी कोई भी परम्परा नहीं थी उन्हें दोपहर में लांच का भी छुट्टी नहीं मिलती थी उस समय श्री नारायण मेघजी लोखंडे मिल मजदूरो के नेता थे।

उन्होंने अंग्रजी के सामने साप्ताहिक छुट्टी का प्रस्ताव रखा और कहा की उनको भी 6 दिन काम करने के बाद सप्ताह में एक दिन अपने देश और समाज की सेवा करने के लिए भी मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा की रविवार हिन्दू देवता “खंडोबा” का दिन है यानि सूर्य देवता का दिन है इसलिए उनको भी सन्डे को साप्ताहिक छुट्टी मिलनी चाहिए लेकिन उनके इस प्रस्ताव को ब्रिटिश अधिकारियो ने अस्वीकार कर दिया था।

परन्तु लोखंडे ने हर मणि और अपना सघर्ष जरी रखा और आखिर में 7 साल लम्बे संघर्ष के बाद 10 जून 1890 को ब्रिटिश सरकार ने रविवार को छुट्टी का दिन घोषित कर दिया मगर हौरानी की बात यह ये है की भारत सरकार ने कभी भी इसके बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया था

अन्तराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था ISO के अनुसार रविवार का दिन सपह का आखिरी दिन माना जाएगा और इसी काँमन छुट्टी रहेगी एस बात को 1986 में मान्यता दी गई थी लेकिन पूरी दुनिया में रविवार को छुट्टी नहीं होती है जो मुस्लिम देश है उनमे ज्यदातर में रविवार के बजाए शुक्रवार की छुट्टी होती ऐसा इसलिए क्योकि शुक्रवार के दिन को मुस्लिम धर्म में पवित्र माना जाता है।

रविवार को छुट्टी किसने लागु किया

अब जाने से पहले हम उनके बारे में जान ले जिनकी वजह से Sunday को छुट्टी मानते है यानि रविवार को छुट्टी किसने लागु किया उनका नाम श्री नारायण का जन्म 1948 में महाराष्ट्र के थाने में हुआ था आज इनको 19वी सदी में कपडा मिलो की कार्यप्रणाली में किये गए बदलाव के रूप में याद किये जाते है इनके द्वारा किये गये प्रमुख बदलाव कुछ इस प्रकार है।

लोखंडे जी श्रम आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे भारत में श्री लोखंडे को ट्रेड यूनियन आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है वे महात्मा ज्योतिबा फुले के सहयोगी थे जिन्होंने लोखंडे की मदद से भारत के पहले कामगार संगठन “बाम्बे मिल एसोसिएशन” की शुरुआत की थी।

भारत सरकार ने 2005 में उनकी तस्वीर वाली एक डाक टिकट भी जारी की थी श्री नारायण मेघजी लोखंडे की वजह से ही मजदूरो को रविवार को साप्ताहिक छुट्टी, दोपहर में आधे घंटे की खाने की छुट्टी और हर महीने की 15 तारीख को मासिक वेतन दिया जाने लगा था 9 फ़रवरी 1897 को श्री नारायण मेघजी लोखंडे का मुंबई (महाराष्ट्र) में मृत्यु हो गया।

अब तो आप समझ गए होंगे कि Sunday को छुट्टी क्यों होती है इसके पीछे क्या वहज है इसके बारें में काफी अच्छी तरह से बताया गया है ताकि आप अच्छी तरह से समझ सकें।

उम्मीद करता हूँ की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा अगर आपको इसके बारे में समझने में कोई दिक्कत हो या कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है हम आपके प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।

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