आज के इस पोस्ट में जानने वाले है कि RTD क्या होता है तथा (Full From of RTD) यानी आरटीडी का फुल फॉर्म क्या होता है अगर आप एक छात्र है आप इलेक्टिकल से तालुक रखते है तो आज टॉपिक आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाला है क्योंकि ज्यादा तर इसके बारे में बड़े-बड़े कंपनियों के इंटरव्यू में आरटीडी के बारे में पूछा जाता है
अगर आप भी जानना चाहते है कि RTD क्या है तथा इसका फुल फॉर्म क्या होता है (Full Form of RTD) तो आर्टीकल को अंत तक पढ़े क्योंकि इस पोस्ट में आरटीडी के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है तो चलिये शुरू करते है
विषय सूची
RTD क्या होता है
हम आपकी जानकरी के लिए बता दे कि आरटीडी एक प्रकार का टेम्प्रेचर सेंसर है इसको हम रजिस्टेंस थर्मामीटर भी कहते है इसका उपयोग हम इनड्रास्टियल एरिया में करते है जिसे टेम्प्रेचर मेजरमेंट होता है अगर सरल शब्दों में कहें तो आरटीडी एक तापमान सेंसर होता है।
इसका उपयोज तापमान (गर्मी) को पता करने के लिए होता है आरटीडी थर्मोकपल का एडवांस वर्जन है जो काफी अच्छा होता है यह रेजिस्टेंस को वैरी करता है ओर इसे यूज ज्यादा तर इनड्रास्टियल कंपनियों में किया जाता है।
RTD का फुल फॉर्म क्या होता है (RTD Ka Full Form)
अब जानते है RTD का फुल फॉर्म क्या होता है (Full Form of RTD) जानकारी के लिए बता दे कि आरटीडी का पूरा नाम Resistance Temperature Detector होता है।
R | Resistance (रजिस्टेंस) |
T | Temperature (टेम्म्प्रेचर) |
D | Detector (डीडेक्टर) |
RTD कैसे काम करता है
चलिये जानते है कि आखिर RTD कैसे काम करता है जैसे मान लीजिए एक लोहे का पाइप है उसमें गर्म पानी या गर्म तेल का प्रवाह हो रहा है इसमें आरटीडी को हम पाइप को किसी भी जगह पर पाइप में आरटीडी को लगा देते है यह लगने के बाद उस पानी या तेल तापमान मेपेगा यानी यह राजिटेन्स का तापमान मेपेगा इसको हम PT 100 के नाम से भी जानते है।
RTD किस धातु का बना होता है
अब जानते है कि आरटीडी किस धातु से मिलकर बना होता हैं तो हम बता दे कि ये प्लेटिनम, कॉपर, निकिल ओर टंगस्टन आदि से मिलकर बनता है लेकिन इसमें जरूरी धातु प्लेटिनम है यह इस लिए क्योंकि इनकी केमिकल प्रोपर्टी ओर एकोरेसी बहुत अच्छी होती है ओर इसके सबसे अच्छी बात यह है।
कि Temperature coefficient of rasistance इसका बहुत बड़ा होता है इसका मतलब यह है कि 5℃ टेम्प्रेचर में बदलाव होने पर इसका रजिस्टेंस ज्यादा होता है जिसकी वजह से इसकी एकोरेसी काफी बढ़ जाती है।
ये अलग-अलग तरह से तापमान मापने के लिए यूज किया जाता है
Platinum (प्लेटिनम) | ये -260+110℃ तक सेंस करता है। |
Nikel (निकेल) | ये -220+300℃ तक सेंस करता है। |
Tungstan (टंगस्टन) | जो बल्ब में लगा होता है इसका -200+1000℃ तक सेंस करता है। |
Copper (कॉपर) | यह - 0+180℃ तक सेंस करता है |
RTD का Working Principal
किसी भी मेटल का फिजिकल टेम्म्प्रेचर ओर उसके एलेक्टिकल रजिस्टेंस में एक डिरेक्टलेसन होता है यदि किसी मेटल के टेम्म्प्रेचर में बदलता है तो उसका तो उसका एलेक्टिकल रजिस्टेंस भी बदल जाता है यानी अगर हम किसी मेटल का तापमान बड़ा दे तो उसका रजिस्टेंस भी बढ़ जाएगा मेटल के राजिटेन्स में होने वाला बदलाव उसके तापमान में होने वाले बदलाव के डिरेक्टली परपोस्टिंग होता है ओर इसी को आरटीडी का प्रिंसिपल होता है।
RTD का Measuring एलिमेंट टेम्म्प्रेचर को उसके राजिटेन्स के द्वारा उसके राजिटेन्स के द्वारा मेजर कर लिया जाता है इसी लिए किसी भी आरटीडी का आउटपुट राजिटेन्स होता है ओर इसको ओम्स में मेजर करते है।
Out of RTD = Resistance (Ω Ohms) |
Temperature Coefficient of Rasistance
ध्यान दे यह टॉपिक ज्यादातर इंटरवियू में पूछे जाते है किसी भी मेटल का तापमान 1℃ टेंटीग्रेट बदलने पर उसके रजिस्टेंस में जितने ओम्स का बदलाव आता है उसे Temperature coefficient of rasistance कहा जाता है।
इसे हम ¢ (अल्फा) से सूचित करते है
Platinum (प्लेटिनम) सेंसर तीन प्रकार के होते है
- Pt 100 - पिटी 100 मतलब है कि यह 0℃ टेम्प्रेचर पर 100Ω ओम्स आउटपुट देता है।
- Pt 500 - पिटी 500 का मतलब है कि यह 0℃ टेम्प्रेचर पर 500Ω ओम्स आउटपुट देता है।
- Pt 1000 - पिटी 1000 का मतलब है कि यह 0℃ टेम्प्रेचर पर 1000Ωओम्स आउटपुट देता है।
RTD Comtrasion
आरटीडी को उनकी कंट्रक्सन के अनुसार दो तरह से विभाजित किया जाता है।
- Wire Wound Type RTD
- Thin Film Type RTD
1. Wire Wound Type RTD - ये टेक्नोलॉजी में आरटीडी के सेंसिक एलिमेंट प्लेटिनम से बहुत पतले तार कॉइल से बना होता है ओर इसको एक सीट में बनाकर दो वायर निकाले जाते है Wire Wound Type RTD दो वायर में अबिलेबल होता है।
2. Thin Film Type RTD - इसमे एक प्लेटिनम की डिपॉजिट कर दिया जाता है और एक रेंजर कटिंग के द्वारा ये प्लेटीनम वायर से एक सर्किट बना दिया जाता है इस एलेक्टिकल सर्किट से कनेक्टिंग तार बाहर निकाल दिया जाता है।
Sensitivity
आपकी जानकरी के लिए बता दे कि आरटीडी का सेंसिटिविटी का अंदाजा उसके धातु के α0 Linear fractional change (बदलाव) में resistance का बदलाव ताप के साथ होता है प्लेटीनम का α0 0.004/θC और निकेल का 0.००5/ θC होता है।
जिसका मतलब होता है की 0.4Ω के बदलाव 100Ω हो जाता है अगर हम 1 θC का बदलाव करे।
Response Time
हम आपको बता दे कि आरटीडी का रेस्पॉन्स टाइम 0.5 से 5 सेकंड तक होता है. इसकी रेस्पॉन्स की सलौनेस्स का वजह थर्मल conductivity की धीमी गति से उस device को थर्मल equilibruim के आस पास के प्रकृति में लाने में होता है. हालांकि ये constant “free air condition” या “oil bath” के सहायक होता है।
आरटीडी आमतौर पर दो प्रकार के Bridge circuit का उपयोग किया जाता है
- Two Wire RTD Bridge Circuit
- Three Wire RTD Bridge Circuit
1. Two Wire RTD Bridge Circuit - इसमे पदार्थ का रजिस्टेंस तापमान को बदलने से बदल जाता है इसलिए Rlead का तापमान बदलने पे बाल जाता है जिससे error की मापने में समस्या आती है और यहाँ तो दो lead wire है जो error को दोगुना कर देता है।
2. Three Wire RTD Bridge Circuit - इसमें सर्किट में wheatstone bridge का एक ही रजिस्टर आरटीडी से बदला जाता है. लेकिन एक और लीड वायर R2 के पैर के bridge के साथ ही जोड़ा दिया जाता है चलिए circuit पर नजर दौड़ाते है :R1=R4 , R2=R3,जब bridge बैलेंस होता है।
V0= Vs*(R3R1 –R4R2)/(R2 +R3)(R1 +R4 |
R3 तथा R2 का उल्टा चिह्न है तो अगर leg 2 में लीड वायर का राजिटेन्स और leg 3 में लीड वायर का राजिटेन्स समान है तो लीड रजिस्टेंस अपने आप में ही कट जाते है ताकि net output voltage में effect में Zero (0) होता है.अंत में error नहीं आता है।
निष्कर्ष –
अब तो आप समझ गए होंगे कि RTD क्या होता है तथा (Full From of RTD) यानी आरटीडी का फुल फॉर्म क्या होता है इस पोस्ट पोस्ट में हमने हम बड़ी ही आसान शब्दो मे स्पैम के बारे बताया हैं कि यह होता हैं, इससे क्या फायदा होता है और स्पैम होंने से कैसे बचें और भी अच्छी जानकरी के बारे में बताया है ताकि आप अच्छी तरह से समझ सकें।
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