दोस्तों आज के इस पोस्ट में जानेंगे की जोंक के शरीर पर नमक डालने पर क्यों मर जाता है इसके पीछे क्या वजक होता है जब हम बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलते है तो जहाँ-तहाँ कही-कही गढ्ढे में पानी का जमाव हो जाता है जिससे मिट्टी के अंदर से बहुत सारे जीव बहार आ जाते है उनमे से ही एक जोंक भी सामिल है यह एक प्रकार से केचुए का ही प्रजाति है जो की पानी के जमने से मिट्टी से बाहर आ जाता है यह भी मिट्टी को ही खाकर अपना पेट भरता है।
वैसे जोंक कई प्रकार के होते है लेकिन भारत में सबसे ज्यादा काला और भूरा रंग का जोंक पाये जाते है इस पोस्ट हम जोंक से जुडी जानकारी देने वाले है इसलिए इस आर्टिकल से पाने रहे तो चलिए शुरू करते है।
Contents
जोंक जीव-जंतु को कैसे पकड़ता है?
चलिए जानते है की जोंक हमें कैसे पड़ता है जब हम या कोई जीव-जंतु जमे हुए पानी में जिसमे जोंक मौजूद है जाता है तब पानी के हिलने से जोंक खाने के वस्तु समझकर उसकी तरफ बढ़ता है जिस जगह पानी हिलता है उस जगह पर पहुंचकर वो जीव के त्वचा को अपने सूंघने की क्षमता से उसके त्वचा को पकड़ लेता है जिसके बाद वो उस जींव के पिने लगता है इस दौरानं जिस प्राणी को जोंक पकड़े रहता है उसे ना मात्र दर्द माजसूस होता है जैसे की कोई सुई धीरे से चुभो रहा हो।
उस व्यक्ति को तबतक आभास नहीं होता है जब तक की उसे जोंक की मुलायम त्वचा स्पर्श हो तब तथा जींव जंतुओ के शरीर से चिपके जोंक को कोई देख न ले और जोंक को निकलते समय वह जल्दी उस जगह को नहीं छोड़ता है और उसकी मुलायम एवं रब्बड़नुमा त्वचा इसका कारण है जब हम निकालने की कोसिस करते है तो वह लम्बा होने लगता है लेकिन ज्यादा कोशिश करते है तो वह उस जगह को छोड़ देता है उसके अक्सर लोग उसपर नमक डाल देते है जिससे उसका मुंह से खून निकलने लगता है फिर मार जाता है।
जोंक के शरीर पर नमक डालने पर क्यों मर जाता है?
चलिए जानते है जोंक के शरीर पर नमक डालने पर क्यों मर जाता है दोस्तों अपने देखा होगा की जब भी हम नमक को खुले में रखते देते है तो कुछ ही देर में थोड़ा गीला या चिपचिपा सा हो जाता है और उसे अगर खुले में छोड़ दिया जाए तो पूरी तरह पिघल जाता है और ये ऐसा इसलिए होता है की नमक हवा में मौजूद नमी को पूरी तरह से सोख लेता है जब तक नमक में नमी के मात्रा कम रहती है तब तक वो थोड़ा गीला सा रहता है और जब नमी की मात्रा बढ़ती है तब वह पिघल जाता है।
जब हम जोंक के ऊपर नमक डालते है तो नमक उसके शरीर से पानी सोखना शुरू कर देता है जॉन के शरीर पर नमक डालने के बाद उसके शरीर से पानी की मात्रा कम होने लगती है जिसके वजह से वह थोड़ी छटपटाने लगता है और उसकी मौत है हो जाती है जोंक की त्वचा नाजुक होती है जिसकी वजह से नमी की आवा-गमन आसानी से हो जाता है जोंक के शरीर से पानी सोख लेने की क्रिया को रसायन विज्ञानं में ऑस्मोटिकता के नाम से जाना जाता है जोंक में ये खूबी इस वजह से होती है-
-ताकि वह जरुरत पड़ने पर अपने आस-पास के वातावरण के नमी को सोख सके और ये खैसियत इस जैसे प्रत्येक जींव में होती है जैसे की केचुवा यानि चेरा जो बारिश के मौसम में कीचड़ में पाये जाते है इसी प्रकार अगर इंसान ज्यादा नमक वाली चीज़ का ले तो उसको भी पानी की आवश्कता पड़ती है उसी प्रकार जोंक भी बिना पानी के नहीं रह पता है और इसी प्रकार जब हम जोंक के शरीर पर नमक डालते है तो उसके शरीर के सारी नमी ख़त्म होने लगती है जिसके कारण उसकी मौत हो जाती है अब तो आप समझ गए होंगे की जोंक के शरीर पर नमक डालने पर क्यों मर जाता है
हमनें क्या पढ़ा –
इस आर्टिकल में हमने पढ़ा जोंक के शरीर पर नमक डालने पर क्यों मर जाता है इसके के बारे में बहुत से आसान शब्दों में बताया गया है ताकि आपको अच्छी तरह समझ में आ सके।
दोस्तो कैसा लगा ये पोस्ट Comment Box में जरूर बताएं ओर आपका कोई सवाल है तो Comment Box में पूछ सकते है।
अगर ये Post अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ Whatsapp, Instagram, Twitter, Telegram, Facebook पर जरुर Share करे।